Sunday, October 10, 2010

‘हिन्दी दिवस’ अवसर पर श्रीडूंगरगढ़ में आयोजित हुए समारोह में - ‘साहित्यश्री’ से प्रो. रामबक्ष और ‘पत्रकारिता गौरव’ से जीनगर गहलोत हुए सम्मानित


20 सितम्बर 2010 के अंक में प्रकाशित
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श्रीडूंगरगढ (बीकानेर)। ‘हिन्दी लोकजीवन की भाषा है। भाषा के माध्यम से ही देश को जागृत एवं समृद्ध किया जा सकता है। इसके प्रति सम्मान की भावना जरूरी है।’ यह उद्गार मंगलवार 14 सितम्बर को यहां राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से हिन्दी दिवस पर आयोजित संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राजस्थान प्रगतिशील लेखक संघ के अध्यक्ष वेद व्यास ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज भी भारत में सर्वाधिक संख्या हिन्दी पाठकों की है वहीं 40 विश्वविद्यालयों में भी हिन्दी का ही अध्ययन करवाया जा रहा है इसलिए हिन्दी भाषा को लेकर निराश होने की आवश्यकता नहीं है।
भाषा, साहित्य, संस्कृति, कला, शिक्षा एवं इतिहास का शोध संस्थान ‘‘राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति, श्रीडूंगरगढ़ (बीकानेर)’’ द्वारा हिन्दी दिवस पर समिति भवन में संगोष्ठी व सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। ‘‘हिन्दी: बदलता स्वरूप और वैश्विक परिदृश्य’’ विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी समारोह में सुप्रसिद्ध समालोचक एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रोफेसर रामबक्ष को संस्था की मानद उपाधि ‘‘साहित्यश्री’’ एवं अल्प समय में ही हिन्दी पत्रकारिता क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले एवं दलित व कमजोर वर्ग का विशिष्ट प्रतिनिधित्व करने वाले कर्मठ पत्रकार ‘‘पाक्षिक समाचार सफ़र, कोटा’’ के प्रकाशक व सम्पादक जीनगर दुर्गाशंकर गहलोत को ‘‘पत्रकारिता-गौरव’’ से सम्मानित किया गया। नगर निगम बीकानेर के महापौर भवानीशंकर शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुए इस समारोह में विशिष्ट अतिथि श्रीडूंगरगढ़ विधायक मंगलाराम गोदारा उपस्थित हुए। समारोह में काफी संख्या में नगर के गणमान्य व्यक्ति, लेखक व साहित्यकार एवं विद्यालय बच्चों ने भाग लिया।
मां सरस्वती के चित्र पर मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित किये जाने के बाद समारोह का शुभारम्भ हुआ। तत्पश्चात् समिति की ओर से अतिथियों का स्वागत सत्कार एवं सम्मान समारोह हुआ। ‘साहित्यश्री’ से सम्मानित हुए प्रोफेसर रामबक्ष और ‘पत्रकारिता गौरव’ से सम्मानित हुए जीनगर दुर्गाशंकर गहलोत को मुख्य अतिथि वेद व्यास, अध्यक्ष भवानीशंकर शर्मा, विशिष्ट अतिथि मंगलाराम गोदारा, शिव प्रसाद सिखवाल, संस्था अध्यक्ष श्याम महर्षि ने सम्मान पत्र, स्मृति चिन्ह, शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। अपने इस सम्मान पर प्रो. रामबक्ष और जीनगर गहलोत ने संस्था का आभार व्यक्त किया। जीनगर गहलोत ने बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ में चल रही इस हिन्दी साहित्य सेवा के लिए संस्था के अध्यक्ष श्याम महर्षि व अन्य सभी पदाधिकारियों व सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया और श्रीडूंगरगढ़ को राजस्थान में ‘हिन्दी साहित्य की काशी’ कहा। समारोह की अध्यक्षता कर रहे बीकानेर नगर निगम के महापौर भवानी शंकर शर्मा ने संगोष्ठी विषयक पर अपने उद्बोधन में कहा कि विदेशी कम्पनियां पैकेज के नाम पर भाषा का प्रत्यारोपण कर रही है इसलिए गैर-सरकारी संगठनों के माध्यम से भी हिन्दी का प्रचार-प्रसार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि संभाग और जिला स्तर पर हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार की संस्थाओं की आवश्यकता है ताकि इसका और अधिक उद्भव हो सके।
विशिष्ट अतिथि श्रीडूंगरगढ़ के विधायक मंगलाराम गोदारा ने कहा कि साहित्य समाज को नई दिशा प्रदान करता है और श्रीडूंगरगढ़ की इस संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति ने साहित्य सेवा में अपना प्रमुख स्थान बनाया है यह हमारे इस क्षेत्र के लिए गौरव की बात है। स्वागताध्यक्ष व संस्था के उपाध्यक्ष शिव प्रसाद सिखवाल ने कहा कि विदेशों में भाषा के प्रति काफी चिंतन होता है लेकिन विडम्बना है कि अपने देश में इसके प्रति गंभीरता कम है। उन्होंने हिन्दी भाषा के प्रति आत्मीयता की भावना रखने पर जोर दिया।
समारोह को संबोधित करते हुए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली के प्रोफेसर रामबक्ष ने कहा हिन्दी के अस्तित्व पर बड़ा प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। आज के चल रहे वैश्विक दौर में हर व्यक्ति एक बाजार है इसलिए हर क्षेत्र में परिवर्तन हो रहा है। पाक्षिक समाचार सफ़र कोटा के प्रकाशक व सम्पादक जीनगर दुर्गाशंकर गहलोत ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा की पकड़ को बनाए रखने के लिए और अधिक मजबूती की आवश्यकता है। श्रीगंगानगर से पधारे वरिष्ठ साहित्यकार व कवि विद्यासागर शर्मा ने कहा कि हिन्दी के अस्तित्व को बनाए रखना हम सब की जिम्मेदारी है। तत्काल काव्य रचना करने वाले कवि विद्यासागर शर्मा ने इस आयोजन पर लिखी कविता को भी प्रस्तुत किया। समिति के उपाध्यक्ष रामकिशन उपाध्याय ने अपने विचार रखे। संयुक्त मंत्री रवि पुरोहित ने संस्था की विकास यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की। संस्था अध्यक्ष श्याम महर्षि ने परिचय से अवगत करवाया और सत्यदीप ने आगन्तुकों का आभार जताया।

2 comments:

  1. Aapko "Patrakarita Gaurav" Samman Prapta Hone
    per Hamari team ki taraf se
    aapko badhai....

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  2. SHRI DURGASHANKERJI KI KALAM ME BAHUT TAKAT HEI, AAP JEENGAR SAMAJ KE BHEE GOURAV HEI.REALY YOU ARE FIRE BRAND PATRAKAR,GOD LONG LIVE YOU.PL. CONTINUE WRITTING.APKO BAHUT BAHUT BADHAIYA.

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